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3 बड़ी भारतीय कंपनियों से हटाया गया बैन।

Washington: वाणिज्य विभाग के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (BIS) ने बुधवार को कहा कि इन तीन भारतीय संस्थाओं पर शीत युद्ध के दौर में लगाए गए प्रतिबंध हटाने से साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की दिशा में संयुक्त अनुसंधान और विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों को बल मिलेगा।

उद्योग और सुरक्षा मामलों के अवर वाणिज्य सचिव एलन एफ एस्टेवेज ने कहा, ‘‘जैसा कि इन कार्रवाइयों से पता चलता है, ‘एन्टाइटी लिस्ट’ एक शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाने वाले व्यवहार के लिए किया जा सकता है। ‘‘एन्टाइटी लिस्ट को जोड़ने और हटाने के साथ, हमने एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ के सैन्य आधुनिकीकरण का समर्थन करने के परिणाम हैं, और वैकल्पिक रूप से, साझा विदेश नीति लक्ष्यों और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहन हैं।” निर्यात प्रशासन के लिए वाणिज्य के प्रधान उप सहायक सचिव मैथ्यू बोरमैन ने कहा कि तीन भारतीय संस्थाओं पर लगा प्रतिबंध हटाने से अमेरिका और भारत के बीच महत्वपूर्ण खनिजों और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए घनिष्ठ सहयोग संभव होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह कार्रवाई अमेरिका-भारत साझेदारी की समग्र महत्वाकांक्षा और रणनीतिक दिशा के अनुरूप है और इसका समर्थन करती है।” अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने इस कदम का स्वागत किया और इसे भारत-अमेरिका साझेदारी के ‘‘गहरे” होने का परिणाम बताया।

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